प्रश्न - क्रिया (Verb) किसे कहते हैं?
क्रिया किसे कहते है. क्रिया के प्रकार |
उत्तर - वैसे शब्द या पद जिससे किसी कार्य के होने या किए जाने का बोध हो, उसे क्रिया कहते हैं ।
जैसे-
(i) राधा नाच रही है ।
(ii) बच्चा दूध पी रहा है ।
(iii) मुकेश कॉलेज जा रहा है ।
इनमें‘नाच रही है’, ‘पी रहा है’, ‘जा रहा है’ से कार्य के करने का पता चलता है । इसलिए ये शब्द क्रिया कहलाएंगे ।
जैसे-
(i) राधा नाच रही है ।
(ii) बच्चा दूध पी रहा है ।
(iii) मुकेश कॉलेज जा रहा है ।
इनमें‘नाच रही है’, ‘पी रहा है’, ‘जा रहा है’ से कार्य के करने का पता चलता है । इसलिए ये शब्द क्रिया कहलाएंगे ।
प्रश्न - धातु (Root) किसे कहते है?
उत्तर - ये भी क्रिया का ही रूप है.यदि किसी एक क्रिया के विभिन्न रुपों को देखा जाए, जैसे- करेगा, कर रहा है, करता है, कर लेगा, कर चुका होगा, करना चाहिए, करिए, करो, करवाइए इत्यादि तो इस सबमें कर ऐसा अंश है जो सभी क्रिया रूपों में समान रूप से आ रहा है । इसे ही धातु क्रिया कहते है..
धातु के दो भेद होते है.
1. सामान्य धातु
2. व्युत्पन्न धातु
2. व्युत्पन्न धातु
सामान्य धातु किसे कहते है?
मूल में ना प्रत्यय लगाकर बनने वाला रूप सरल धातु या सामान्य धातु कहलाता है । जैसे- सोना, रोना, पढ़ना, बैठना इत्यादि
व्युत्पन्न धातु किसे कहते है?
सामान्य धातुओं में प्रत्यय लगाकर या अन्य किसी प्रकार से परिवर्तन कर जो धातुएं बनाई जाती हैं उन्हें व्युत्पन्न धातु कहते हैं ।
व्युत्पन्न धातु और सामान्य धातु में अंतर |
सामान्य धातु व्युत्पन्न धातु
⏬ ⏬
पढ़ना पढ़ाना, पढ़वाना
⏬ ⏬
पढ़ना पढ़ाना, पढ़वाना
काटकाटना कटवाना
देनादिलाना दिलवाना
करनाकराना करवाना
प्रश्न - कर्म के आधार पर क्रिया के कितने भेद है?
उत्तर - कर्म के आधार पे क्रिया के दो भेद होते है .
1. अर्कमक क्रिया.
2. सर्कमक क्रिया
1. अर्कमक क्रिया.
2. सर्कमक क्रिया
1. अकर्मक क्रिया किसे कहते है?
उत्तर - जिन क्रियाओं का फल सीधा कर्ता पर ही पड़े वे अकर्मक क्रिया कहलाती हैं । ऐसी अकर्मक क्रियाओं को कर्म की आवश्यकता नहीं होती ।
अकर्मक क्रियाओं के उदाहरण-
(i) गौरव रोता है ।
(ii) साँप रेंगता है ।
(iii) रेलगाड़ी चलती है ।
(i) गौरव रोता है ।
(ii) साँप रेंगता है ।
(iii) रेलगाड़ी चलती है ।
2. सकर्मक क्रिया किसे कहते है?
उत्तर - जिन क्रियाओं का फल (कर्ता को छोड़कर) कर्म पर पड़ता है वे सकर्मक क्रिया कहलाती हैं।
इन क्रियाओं में कर्म का होना आवश्यक हैं ।
जैसे-
(i) भँवरा फूलों का रस पीता है ।
(ii) रमेश मिठाई खाता है ।
जैसे-
(i) भँवरा फूलों का रस पीता है ।
(ii) रमेश मिठाई खाता है ।
प्रश्न - प्रयोग की दृष्टि से क्रिया के कितने भेद है?
उत्तर - प्रयोग की दृष्टि से क्रिया के छ: भेद होते है.
1. सामान्य क्रिया
2. संयुक्त क्रिया
3. नामधातु क्रिया
4. प्रेरणार्थक क्रिया
5. पूर्वकालिक क्रिया.
6. अपूर्ण क्रिया.
1. सामान्य क्रिया
2. संयुक्त क्रिया
3. नामधातु क्रिया
4. प्रेरणार्थक क्रिया
5. पूर्वकालिक क्रिया.
6. अपूर्ण क्रिया.
प्रश्न - सामान्य क्रिया किसे कहते है?
उत्तर -जहाँ केवल एक क्रिया का प्रयोग होता है वह सामान्य क्रिया कहलाती है
प्रश्न - संयुक्त क्रिया किसे कहते है?
उत्तर -जहाँ दो अथवा अधिक क्रियाओं का साथ-साथ प्रयोग हो वे संयुक्त क्रिया कहलाती हैं। जैसे-
सविता महाभारत पढ़ने लगी ।
वह खा चुका ।
प्रश्न - नामधातु क्रिया किसे कहते है?
उत्तर -संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों से बने क्रियापद नामधातु क्रिया कहलाते हैं ।
जैसे- हथियाना, शरमाना, अपनाना, लजाना, चिकनाना, झुठलाना इत्यादि ।
प्रश्न - प्रेरणार्थक क्रिया किसे कहते है?
उत्तर -जिस क्रिया से पता चले कि कर्ता स्वयं कार्य को न करके किसी अन्य को उस कार्य को करने की प्रेरणा देता है वह प्रेरणार्थक क्रिया कहलाती है।
ऐसी क्रियाओं के दो कर्ता होते हैं-
(1) प्रेरक कर्ता- प्रेरणा प्रदान करने वाला।
(2) प्रेरित कर्ता- प्रेरणा लेने वाला।
जैसे- मोहन राधा से पत्र लिखवाता है ।
इसमें वास्तव में पत्र तो राधा लिखती है, लेकिन उसको लिखने की प्रेरणा देता है मोहन । अतः ‘लिखवाना’ क्रिया प्रेरणार्थक क्रिया है । इस वाक्य में मोहन प्रेरक कर्ता है और राधा प्रेरित कर्ता।
प्रश्न - पूर्वकालिक क्रिया किसे कहते है?
उत्तर -किसी क्रिया से पहले यदि कोई दूसरी क्रिया प्रयुक्त हो तो वह पूर्वकालिक क्रिया कहलाती है ।
जैसे-
मैं अभी खाकर उठा हूँ । इसमें ‘उठा हूँ’ पूर्व ‘खाकर’ क्रिया का प्रयोग हुआ है । अतः ‘खाकर’ पूर्वकालिक क्रिया है ।
पूर्वकालिक क्रिया या तो क्रिया के सामान्य रूप में प्रयुक्त होती है अथवा धातु के अंत में‘कर’ या‘करके’ लगा देने से पूर्वकालिक क्रिया बन जाती है ।
जैसे-
(1) बच्चा दूध पीते ही सो गया ।
(2) लड़कियाँ पुस्तकें पढ़कर जाएँगी ।
जैसे-
(1) बच्चा दूध पीते ही सो गया ।
(2) लड़कियाँ पुस्तकें पढ़कर जाएँगी ।
प्रश्न - अपूर्ण क्रिया किसे कहते है?
उत्तर -कई बार वाक्य में क्रिया के होते हुए भी उसका अर्थ स्पष्ट नहीं हो पाता । ऐसी क्रियाएँ अपूर्ण क्रिया कहलाती हैं ।
जैसे- भगत सिंह थे । वह है ।
ये क्रियाएँ अपूर्ण क्रियाएँ हैं । अब इन्हीं वाक्यों को फिर से पढ़िए-
भगत सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे । वह बुद्धिमान है ।
इन वाक्यों में क्रमशः ‘स्वतंत्रता सेनानी’ और ‘बुद्धिमान’ शब्दों के प्रयोग से स्पष्टता आ गई । ये सभी शब्द‘पूरक’ हैं ।
अपूर्ण क्रिया के अर्थ को पूरा करने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उन्हें पूरक कहते हैं ..
भगत सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे । वह बुद्धिमान है ।
इन वाक्यों में क्रमशः ‘स्वतंत्रता सेनानी’ और ‘बुद्धिमान’ शब्दों के प्रयोग से स्पष्टता आ गई । ये सभी शब्द‘पूरक’ हैं ।
अपूर्ण क्रिया के अर्थ को पूरा करने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उन्हें पूरक कहते हैं ..
इस पोस्ट मे "क्रिया (Verb) क्या है",इस से सम्बन्धित पुरी जानकारी लिखने का प्रयास किया गया है...
अगर आपको ईसमे कोई त्रुटी नजर आये तो हमे कामेन्ट मे बतायेे सुधार करके पोस्ट को अपडेट किया जायेगा.. आपके सुझाव हमारे लिऐ महत्वपुर्ण है.
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आपको यह लेख पढकर कैसा लगा ईसके बारे मे दो शब्द निचे कामेन्ट बाक्स मे जरूर व्यक्त करे. आपके कामेन्ट हमे कुछ और अच्छा इससे भी बेहतर करने की प्रेऱणा प्रदान करता है..
Hy
ReplyDeleteHelo sir I read to your blog post. Good Information to your blog post . I love this article . My name is Sourav Tanwar.
ReplyDeleteVery Nice क्रिया के कितने भेद होते हैं Information.
ReplyDeleteSir aapne
ReplyDeletekriya kise kahte hai ko acche se samjhaya hai thank you